Rahul Gandhi Badhata Kad: राहुल गांधी का बढ़ता कद, सत्ता पक्ष को क्यों कर रहा परेशान
कभी रात राहुल गांधी को एक मजाक के तौर पर लेने वाली सत्ता पक्ष आज गंभीरता से लेने पर मजबूर हो गई है राहुल गांधी के उठाए गए एक-एक मुद्दे को आखिर क्यों माने पर मजबूर हो जा रही है सत्ता पक्ष
Rahul Gandhi Jati Jangrana: जाति जनगणना का मुद्दा
राहुल गांधी ने संसद में कहा था कि हम सरकार से जाति जनगणना करवा कर रहेंगे सरकार इसके लिए नहीं मान रही थी लेकिन अंतत सरकार को जाति जनगणना करवाने के लिए राजी होना ही पड़ा। यह एक प्रकार से राहुल गांधी की जीत मानी जाएगी और सरकार की हार। आजकल राहुल गांधी जिन मुद्दों को उठा रहे हैं अधिकांश पर सरकार को झुकना ही पड़ रहा है।
अमेठी में दोबारा जीत
अमेठी से श्रीमती स्मृति ईरानी का हार जाना और राहुल गांधी एवं कांग्रेस की जीत राहुल गांधी को मजबूती प्रदान करने वाली माना जाएगा श्रीमती स्मृति ईरानी में लगातार राहुल गांधी पर आक्रामक हमले किए थे फिर भी अमेठी में स्मृति ईरानी का हार जाना राहुल गांधी के जीत के सिवा और क्या कहा जाएगा एक अलग अंदाज में राहुल गांधी ने अमेठी सीट पर प्रचार किया और अपने साथी किशोरी लाल को अमेठी से सांसद बनने में बहुत बड़ा योगदान दिया।
K.L शर्मा स्मृति ईरानी अगर राहुल गांधी से हर दिन तो कुछ भी चर्चा नहीं होता लेकिन कल शर्मा से हारने के बाद लगता है स्मृति ईरानी का जैसे राजनीतिक कैरियर ही खत्म हो गया हो स्मृति ईरानी अमेठी से जीतने के बाद केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल थी लेकिन वर्तमान में हारने के बाद अब टेलीविजन पर काम कर रही हैं।
उत्तर प्रदेश में N.D.A पर INDIA गठबंधन का बढ़त
दिल्ली की सत्ता उत्तर प्रदेश से होकर ही गुजरती है यह तो मना ही जा सकता है । भारतीय राजनीति का इतिहास गवाह है कि उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक प्रधानमंत्री दिया नरेंद्र मोदी को भी आप देख लीजिए गुजरात से मुख्यमंत्री भले ही रहे हो लेकिन प्रधानमंत्री वह बनारस से सांसद बनकर ही गए।
उत्तर प्रदेश में इंडिया गठबंधन में लोकसभा चुनाव 2024 में 43 सीट जीतकर एनडीए गठबंधन से बढ़त बना लिया एनडीए गठबंधन ने 36 सीट पर विजय प्राप्त किया।
भारतीय जनता पार्टी और एनडीए गठबंधन की एक मजबूत पकड़ रखने वाले राज्य में बिछड़ना चिंताजनक है आने वाले भविष्य के चुनाव और राजनीति के लिए और राहुल गांधी एवं अखिलेश यादव के लिए उत्तर प्रदेश एक शुभ संकेत देने वाला राज्य बनकर उभरा
GST जीएसटी पर राहुल का वार और सरकार का पलटवार हुआ?
राहुल गांधी लगातार जीएसटी की आलोचना करते रहे और सरकार को जीएसटी पर घूरते रहे अंतत सरकार को आप देख रहे हैं जीएसटी में कुछ परिवर्तन टैक्स के आधार पर करना ही पड़ा।
तो हम ऐसा कह सकते हैं कि सरकार को बहुत से मुद्दे पर राहुल गांधी की ही बातों को मानना पड़ रहा है विपक्ष का अब पहले से ज्यादा दबाव सत्ता पक्ष पर पड़ता हुआ दिखाई देता है।
Vote Chori का मुद्दा
राहुल गांधी ने वोट चोरी का भी मुद्दा उठाया जिसको लेकर भारतीय चुनाव आयोग को कांफ्रेंस करके जवाब देना पड़ा लेकिन भारतीय निर्वाचन आयोग के जवाब से भारत के कुछ पत्रकार संतुष्ट हुए। खास तौर पर वीडियो फुटेज चुनाव आयोग का डिलीट करना और राहुल गांधी को निर्वाचन आयोग द्वारा डिजिटल कॉफी मतदाताओं का नहीं देना यह एक आम नागरिक हो सोने पर मजबूर कर देता है कि क्या आजकल भारत में वोट चोरी किया जा रहा है। राहुल गांधी ने जिस प्रकार तथ्यों और सबूत के साथ वोट चोरी का आरोप लगाया वह वहां भारतीय लोकतंत्र और भारतीय नागरिकों के दिमाग को हिला कर रख देने वाला आरोप है।
अंततः हम लोग कह सकते हैं कि अब राहुल गांधी अपने पप्पू वाले इमेज से बाहर निकलकर मैच्योर राजनेता के रूप में काम करने लगे हैं और सत्ता पक्ष भी समझ गया है कि राहुल गांधी को अब हल्के में नहीं लिया जा सकता है।
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