भारत का युवा सरकारी नौकरी का सपना,किताबों डूबती जवानी
सरकारी एक लाख पद को निकले या एक पद के लिए निकले आवेदन करने वालों की होड़ बढ़ती ही जा रही है नौकरियों का फॉर्म निकालना सरकार की खजाने को भरने का एक माध्यम बनता जा रहा है ।
जैसे उत्तर प्रदेश टीचर इस इक्वलिटी टेस्ट 2011 से करवाया जा रहा है इसका आयोजन हर साल किया जाता है तो क्या हर साल उत्तर प्रदेश में सुपर टेट का आयोजन होता है आप लोगों को जो हमारे शिक्षक भर्ती की तैयारी कर रहे युवा दोस्त हैं उनको पता ही होगा 2011 से 25 तक उत्तर प्रदेश में कितनी प्राथमिक शिक्षक भर्ती निकल गया।
शिक्षामित्र को निकालने के बाद कोर्ट का आदेश था कि खाली हुए पदों पर जल्द से भर्ती करवा दिया जाए अभी तक शिक्षामित्र के द्वारा खाली किए हुए पद पर भी ठीक से भर्ती नहीं किया गया तो बताइए सरकार ने नया भर्ती कब किया।
लेकिन उत्तर प्रदेश टेट परीक्षा का आयोजन शानदार ढंग से किया जाता है जैसे कि हर साल सुपर टेट का आयोजन ही किया जाएगा और मची रहती है कोचिंग सेंटर में जाकर टेट परीक्षा की तैयारी करने के लिए B.ed के विद्यालयों में और B.Ed के कॉलेज में B.Ed करने वालों की होड़ लगी रहती है।
डीएलएड और B.ed को किया गया बाहर!
अंतिम सपना नौकरी ही क्यों? क्यों रोजगार के सपने नहीं देख रहे भारतीय युवाओं?
एक युवा जो स्वयं का स्टार्टअप या बिजनेस करेगी तो उसको दिन रात मेहनत करके अपनी व्यवसाय को आगे बढ़ना पड़ेगा लेकिन सरकारी नौकरी की तैयारी में जितना मेहनत लगता है उसके बाद नौकरी करने में उतना मेहनत कहां लगता है। यह सोच हमारे समाज में बैठ गया है कि सरकारी नौकरी ही हमारे जीवन को आनंद पूर्वक जीने में सहायक होगी स्टार्टअप या बिजनेस का यह कभी भी बंद हो सकता है लेकिन अब जब कुछ राज्यों में पेंशन बंद हो गया है रिटायरमेंट होने के बाद फिर आप क्यों सरकारी नौकरी के पीछे भाग रहे हैं और अपनी जवानी को किताबों के पन्ने में समेट कर दिन और रात उसी में खोए हुए हैं जरा निकालिए और कुछ करिए कुछ नहीं तो समय बर्बाद होने से पहले सुधर जाएईये।
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