israel iran war: इजरायल ईरान युद्ध, क्या मध्य एशिया में नहीं हो सकती शांति?
युद्ध हमेशा विनाशकारी होते हैं और युद्ध जब दो परिवार के बीच हो तब उसका परिणाम देखिए परिवार टूट कर विखंडित हो जाता है,और जब युद्ध दो राष्ट्र के बीच हो ता धरातल पर लाशें तैरती हुई नजर आती हैं।
Israel Iran War, मध्य एशिया में अशांति का लहर पैदा कर दिया है दो ऐसे देश आपस में टकरा रहे हैं जिनकी शक्ति और सैनिक क्षमता एक दूसरे से काम नहीं है इसराइल और ईरान की सैन्य शक्ति मीडिया रिपोर्ट के अनुसार लगभग बराबर है ईरान क्षेत्रफल में इसराइल से 6 गुना से भी ज्यादा बड़ा है इजरायल मिडिल ईस्ट में इकलौता ऐसा देश है जो यहूदियों के द्वारा बनाया गया और यहूदी धर्म का समर्थन करने वाला देश है जबकि ईरान इस्लाम को मानने वाला इस्लाम प्रधान देश है।
Israel Iran War: इसराइल ने क्यों किया पहले आक्रमण ईरान
इसराइल ने सबसे पहले ईरान पर हमला किया और उसके सैन्य ठिकाने एवं परमाणु संयंत्र केदो पर हमला बोला इसमें उसके सेवा के प्रमुख एवं कुछ वैज्ञानिक भी मारे गए हैं ईरान का कहना है कि इसराइल के आक्रमण में उसके आम नागरिकों की भी मृत्यु हो गई है। इजराइल का मानना है कि ईरान के यह परमाणु संयंत्र केंद्र जब तक खत्म नहीं होगी अर्थात जब तक ईरान अपना परमाणु कार्यक्रम बंद नहीं करता तब तक वह ईरान के ऊपर आक्रमण जारी रखेगा।
इजरायल ईरान और भयानक होने वाला है ऐसा लगता है युद्ध मिडिल ईस्ट को तबाह कर देगा इसराइल ने पहले फिलिस्तीन गाजा को मिसाइल से एवं बारूदन से खंडहर बना दिया था
इजराइल का ईरान हमला क्या संकेत देते हैं भविष्य में क्या परिणाम आएगा इस आक्रमण का
israel iran war, अन्य देशों में भी इसका प्रभाव देखने को मिल सकता है अगर ईरान ने तेलों पर प्रतिबंध लगा दिया तो विश्व भर में तेल के लिए महामारी उत्पन्न हो जाएगी और तेल के भाव ग्लोबल स्तर पर बढ सकता है। ईरान तेल निर्यात का एक बहुत बड़ा देश है । अगर तेल का दाम बढ़ा तो इसराइल पर दबाव बढ़ सकता है।
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