UP PGT Exam Postponed: तारीख पर तारीख, सपनों का इम्तिहान फिर टला, नौकरी के सपनों में मुरझाई आंखें
"तारीख पर तारीख, तारीख पर तारीख, बस बहुत हुआ मिलार्ड!" - अगर यह डायलॉग आपकी जिंदगी का थीम सॉन्ग बन गया है, तो आप यूपी पीजीटी परीक्षार्थी हैं। उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग (UPESSC) ने एक बार फिर हमारी उम्मीदों को टाल दिया है। 18 और 19 जून 2025 को होने वाली UP PGT परीक्षा को "अपरिहार्य कारणों" से स्थगित कर दिया गया है। अब नई तारीख? अगस्त के आखिरी हफ्ते में, शायद
इंतजार का सिलसिला: एक न कभी खत्म होने वाली कहानी
सपने वो नहीं जो सोते वक्त देखे जाते हैं, सपने वो हैं जो आपको सोने न दें। लेकिन UP PGT के 4.50 लाख अभ्यर्थियों के लिए, सपने अब नींद में ही दिखते हैं, क्योंकि जागते वक्त तो बस कैलेंडर की तारीखें बदल रही हैं। किताबें घिस चुके, नोट्स के ढेर लगा चुके, मगर आयोग का जवाब वही— "परीक्षा टल गई, नई तारीख जल्द आएगी।" ये "जल्द" शब्द अब मजाक सा लगता है, जैसे कोई कहे, "बस पांच मिनट में पहुंच रहा हूं," और फिर घंटों गायब।
"अपरिहार्य कारण" - एक बहाना या साजिश?
आयोग हर बार कहता है, "अपरिहार्य कारण।" लेकिन ये कारण क्या हैं? क्या सितारे सही नहीं हैं? या फिर परीक्षा केंद्रों की कुंडली में कोई दोष है? 4.50 लाख अभ्यर्थियों का भविष्य दांव पर है, और हमें जवाब मिलता है— "अगस्त में देख लेंगे।" भाई, अगस्त में तो बारिश होती है, क्या तब भी परीक्षा टल जाएगी क्योंकि प्रश्नपत्र गीले हो गए?
कभी महाकुंभ, कभी प्रशासनिक कारण, कभी सिस्टम की खामी— हर बार कोई न कोई बहाना। लेकिन क्या कोई उस अभ्यर्थी के दिल की सुनता है, जो तीन साल से किताबों में सिर झुकाए, अपने सपनों को जिंदा रखने की जंग लड़ रहा है?
अभ्यर्थियों का दर्द: किताबों से ज्यादा भारी है इंतजार
सोचिए उस लड़की की, जो रात-रात भर जागकर नोट्स बनाती है। उस लड़के की, जो परिवार की उम्मीदों का बोझ ढोते हुए कोचिंग और किराए के लिए मेहनत कर रहा है। उस मां की, जो अपने बच्चे को पढ़ाने के लिए अपने सपनों को ताक पर रख देती है। ये 4.50 लाख लोग सिर्फ अभ्यर्थी नहीं, ये वो कहानियां हैं जिनमें उम्मीद, मेहनत और हताशा एक साथ सांस ले रही हैं।
हर बार तारीख बदलने की खबर आती है, तो दिल में एक टीस उठती है। किताबें पुरानी हो रही हैं, सिलेबस बदल रहा है, लेकिन आयोग का रवैया? वो वही पुराना है। X पर अभ्यर्थियों का गुस्सा और मायूसी साफ दिखती है। कोई "एलान-ए-जंग" की बात करता है, तो कोई आयोग को "कैंसिल आयोग" का तमगा दे रहा है।
ट्रेंडिंग हताशा: सोशल मीडिया पर दिल की बात
X पर #UPPGT हैशटैग तहलका मचा रहा है।
@Palak76445852
लिखती हैं, "जिसका डर था वही हुआ, तारीख पर तारीख!" @RajSir1999
ने तो आयोग का नाम ही "कैंसिल आयोग" रख दिया। @liv_it__akash
ने गुस्से में लिखा, "चौथी बार टली परीक्षा!" ये सिर्फ पोस्ट नहीं, लाखों दिलों की पुकार हैं।क्या है समाधान? या बस इंतजार ही नियति है?
सवाल ये नहीं कि परीक्षा कब होगी। सवाल ये है कि आयोग कब जिम्मेदारी लेगा? कब अभ्यर्थियों के सपनों को सिर्फ एक नोटिस का हिस्सा नहीं समझा जाएगा? अगर 4.50 लाख लोगों की मेहनत का सम्मान नहीं हो सकता, तो कम से कम एक स्पष्ट जवाब तो दे दीजिए।
तो, प्रिय अभ्यर्थियों, अपनी किताबें संभाल कर रखिए, क्योंकि अगस्त अभी दूर है। और अगर तब भी तारीख टल गई, तो शायद हमें अपने सपनों को टालना न पड़े। क्योंकि सपने टल सकते हैं, मगर हौसले नहीं।
नवीनतम अपडेट के लिए UPESSC की आधिकारिक वेबसाइट www.upsessb.org पर नजर रखें। और हां, अपने हौसले को कभी टलने न दें।
नमस्कार दोस्तों मैं विनोद कुमार यह लेख UP PGT अभ्यर्थियों के लिए है, जो हर बार टलती तारीखों के बीच अपने सपनों को जिंदा रखे हुए हैं। आपकी मेहनत रंग लाएगी, बस थोड़ा और धैर्य।
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