इलाहाबाद विश्वविद्यालय में NET-JRF के आधार पर पीएचडी में प्रवेश :CRET परीक्षा स्थगित
प्रयागराज यूपी:
इलाहाबाद विश्वविद्यालय पीएचडी प्रवेश 2025 में
महत्वपूर्ण बदलाव के साथ अब NET-JRF (नेशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट – जूनियर रिसर्च फेलोशिप) द्वारा सीधे प्रवेश प्राप्त किया जा सकेगा। प्रायमरी का मास्टर न्यूज ब्लॉग वेबसाइट के रिपोर्ट के अनुसार इस निर्णय से शोध अभ्यर्थियों को नई दिशा मिलेगी। इसके तहत, इविवि पीएचडी प्रवेश 2025 प्रक्रिया में अब CRET (संयुक्त शोध प्रवेश परीक्षा) का आयोजन केवल आवश्यकता पड़ने पर ही किया जाएगा।
इलाहाबाद विश्वविद्यालय का नया प्रवेश नियम
इलाहाबाद विश्वविद्यालय (इविवि) ने पीएचडी प्रवेश 2025 के लिए नई गाइडलाइनों की घोषणा की है। अब तक पीएचडी में प्रवेश के लिए CRET परीक्षा का आयोजन किया जाता था, लेकिन अब यह प्रक्रिया केवल तब लागू होगी जब पर्याप्त NET-JRF उम्मीदवार न मिलें। अन्यथा, NET-JRF के सकारात्मक स्कोर वाले उम्मीदवारों को सीधे इंटरव्यू के माध्यम से प्रवेश मिलेगा।
क्या है CRET परीक्षा का भविष्य?
हालांकि, CRET परीक्षा स्थगित कर दी गई है, लेकिन यदि NET योग्यता वाले उम्मीदवारों की कमी महसूस होती है तो खाली सीटों के लिए फिर से CRET परीक्षा का आयोजन किया जाएगा। यह निर्णय विश्वविद्यालय की कार्य परिषद की बैठक में लिया गया था। इसके जरिए विश्वविद्यालय सिर्फ योग्य और NET-JRF उम्मीदवारों को ही प्राथमिकता देगा, जो इस बदलाव को लेकर काफी उत्साहित हैं।
कार्य परिषद की बैठक में हुए महत्वपूर्ण निर्णय
कार्य परिषद की 88वीं बैठक में कुलपति प्रो. संगीता श्रीवास्तव की अध्यक्षता में यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया। UGC द्वारा जारी की गई नई पीएचडी नियमावली के अनुसार, विश्वविद्यालय ने इस वर्ष से NET स्कोर को ही प्राथमिकता देने का निर्णय लिया है।
पदोन्नति और प्रशासनिक जिम्मेदारियां
इस बैठक में कुल 3 शिक्षकों को प्रोफेसर पद पर पदोन्नति दी गई। इसमें शामिल हैं:
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प्रो. चंद्रांशु सिन्हा
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प्रो. संदीप आनंद
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प्रो. संजय कुमार
इसके अलावा, अंग्रेजी विभाग के दो शिक्षक प्रो. एस.के. शर्मा और डॉ. कुमार पराग के विवाद के बाद, दोनों को पांच साल के लिए सभी प्रशासनिक जिम्मेदारियों से मुक्त करने की सिफारिश की गई है।
स्थायी किए गए शिक्षक और कर्मचारी
कार्य परिषद ने 54 शिक्षकों और 6 कर्मचारियों को स्थायी किया, जिन्होंने अपनी परिवीक्षा अवधि सफलतापूर्वक पूरी की। इसमें 1 प्रोफेसर, 8 एसोसिएट प्रोफेसर और 45 असिस्टेंट प्रोफेसर शामिल हैं।
स्ववित्तपोषित पाठ्यक्रमों से विश्वविद्यालय को मिला लाभ
अब इलाहाबाद विश्वविद्यालय ने स्ववित्तपोषित पाठ्यक्रमों के माध्यम से विश्वविद्यालय के आर्थिक स्थिति में सुधार पाया है। यह कदम विश्वविद्यालय को और अधिक आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक अहम कदम है।
इलाहाबाद विश्वविद्यालय पीएचडी प्रवेश 2025 के नए नियमों के अनुसार NET-JRF उम्मीदवारों के लिए प्रक्रिया अधिक सरल हो गई है। अब CRET परीक्षा का आयोजन केवल आवश्यकता पड़ने पर ही होगा, जिससे शोध अभ्यर्थियों को इस बदलाव से एक नई दिशा मिल सकती है। पीएचडी प्रवेश 2025 के इस नए मॉडल से आवेदन प्रक्रिया तेज और अधिक सुविधाजनक हो गई है।
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